“वोल्गा से गंगा” हिन्दी साहित्य के महान लेखक महापण्डित राहुल सांकृत्यायन द्वारा लिखित एक अत्यंत प्रसिद्ध पुस्तक है। इस पुस्तक का प्रकाशन 1943 में हुआ था और यह भारतीय साहित्य में एक अनूठा स्थान रखती है।
इस पुस्तक में, लेखक ने एक काल्पनिक यात्रा के माध्यम से मानव सभ्यता की हजारों वर्षों की यात्रा को दर्शाया है। पुस्तक में प्रागैतिहासिक समय से लेकर आधुनिक युग तक की विभिन्न कहानियाँ हैं, जो भारत के समाज और संस्कृति में समय-समय पर आए परिवर्तनों को प्रदर्शित करती हैं।
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